Pramila singh

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Dec-2023 दैनिक प्रतियोगिता - वनवास

दैनिक प्रतियोगिता -वनवास




सतयुग और कलयुग थे दो भाई l
दोनों के अपने थे गुण और अवगुण l



माता पिता का सयाना बेटा था सतयुग l
पर छोटा सब की आँख का तारा था कलयुग l




सतयुग आज्ञा पालन में था अव्वल l
कलयुग सुनकर भी ना सुनता कुछ l



एक दिन माँ बाप में शुरू हुई लड़ाई l
दोनों में से कौन है श्रेष्ठ चलो रखें परीक्षा एक l




राम कथा याद तब उनको हो आई l
शर्त वनवास की दोनों को पसंद बहुत आई l




बुलाया दोनों बेटों को मन में थी खुशी समाई l
आज परीक्षा हो ही जाए अपने संस्कारों की l




पूछा माँ ने सतयुग बेटा l
क्या मेरा वचन पूरा करोगे l




पिता से तेरे लगाई हूँ एक शर्त मैं l
 क्या तुम उसका मान धरोगे l




सतयुग बोला माँ तेरे दूध का कर्ज़ चुकाऊंगा l
जो दोगी आज्ञा इसी क्षण  उसे निभाऊंगा l




प्रसन्न हो माँ बोली क्या मेरे लिए l
चौदह दिन वन हो आएगा l




सतयुग बोला तेरी खुशी की खातिर तो माँ l
मैं चौदह दिन क्या चौदह बरस भी वनवास हो आऊंगा l




माँ ने गर्व से पिता को देखा l
राम से कम नहीं हमारा बेटा l




अब बारी कलयुग की आई बोला l
आज्ञा पूरी करूंगा सब तुम्हारी l




पर एक बात मेरी तुम को भी माननी होगी l
साथ चलो मेरे दूरी तुम्हारी ना बर्दाश्त होगी l



सुन बात उसकी आँख मात पिता की भर आई l
ऐसा बेटा भगवान सबको दें दुआ दिल से निकली यही l




सोचा ना समझा कलयुग के साथ चल दिए l
सतयुग समझाता रह गया ये सही नहीं भाई l




छोड़ वन में माता पिता को कलयुग लौट आया l
देने चले थे मुझे वनवास मैं उनको दें आया l




आज कलयुग पैर फैलाकर सोफे पर सोता है l
पिता बेबस बेचारा माँ के कंधे सर रख रोता है l




जाने कौन सी मनहूस घड़ी में मैंने शर्त लगाई l
राम सा पुत्र ना हुआ है ना होगा कोई भाई l




कैसा समय आया बच्चे माँ बाप को वनवास देते l
बूढ़े माँ बाप वृद्ध आश्रम में लाचार हो जीते l




क्या ये वनवास कभी समाप्त होगा l
क्या उनको फिर बच्चों का साथ नसीब होगा l





#दैनिक प्रतियोगिता
#प्रमिला सिंह 

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5 Comments

बहुत ही सुंदर और बेहतरीन रचना

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Sushi saxena

11-Dec-2023 02:38 PM

V nice

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Varsha_Upadhyay

10-Dec-2023 02:47 PM

Nice

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